गुरुवार, 20 अक्टूबर 2011

लोग माजी का भी अंदाज़ा लगा लेते हैं
मुझको तो याद नहीं कल का भी क़िस्सा कोई

बेसबब आँखों में आँसू नहीं आया करते
आपसे होगा यक़ीनन मेरा रिश्ता कोई

बिगड़ते रिश्तों को फिर से बहाल मत करना,
जो टूट जाएँ तो उनका ख़याल मत करना।

हरेक दोस्त को बढ़कर गले लगा लेना,
किसी बिछुड़ते हुए का मलाल मत करना।

जिन्हें सुने तो कोई बेनक़ाब हो जाए,
किसी से भूलकर ऐसे सवाल मत करना।

नज़र चुरानी पड़े आइने से रह-रहकर,
ज़मीर इतना भी अपना हलाल मत करना

वफ़ा-ओ-प्यार की उम्मीद दुनियादारों से,
तुम अपने होश में ऐसा कमाल मत करना।

पड़ी है उम्र अभी, और बहुत-सी चोटें हैं,
तुम अपने मन को अभी से निढाल मत करना।

उसूल, दोस्ती, ईमान, प्यार, सच्चाई,
तुम अपनी ज़िंदगी इनसे मुहाल मकरना


कम से कम बच्चों के होंठों की हँसी की ख़ातिर
ऐसे मिट्‍टी में मिलाना कि खिलौना हो जाऊँ

भीख से तो भूख अच्छी गाँव को वापस चलो
शहर में रहने से ये बच्चा बुरा हो जाएगा

 


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