मां के जाने के बाद, सूर्य उदय होने के बाद
स्टेशन से आने के बाद
एक ही प्रश्न था कि
दादी कहां गई मेरे सोने के बाद।
वाइफ कल ही कह रही थी
कि कल वैभव पूछेगा दादी कहां गई मेरे सोने के बाद।
उसे कह दिया कि कुछ भी जवाब दे देना
लेकिन पता नहीं था कि यह प्रश्न मुझसे ही पूछ बैठेगा
कहां गई और क्यों
गई मेरे सोने के बाद।
छोटा बच्चा का सरल चेहरा देखकर
दादी के प्रति असीम प्रेम को देखकर
रोते हुए अपने बेटे को देखकर
कलेजा मुंह को आ गया
कुछ समझ नहीं पा रहा था मां के जाने के बाद।
कहा कि चलो घूमकर आते हैं, खूब मस्ती करते हैं
रसगुल्ला खाते हैं, साइकल चलाते हैं
वह खुश होकर बोला कि दादी को भी साथ लेकर चलते हैं
फिर सहसा प्रश्न किया कि दादी कहां गई मेरे सोने के बाद।
लाख कोशिशों के बावजूद उसे समझा नहीं पा रहा था
सारी उर्जा लगाकर
भी सही उत्तर नहीं सूझ रहा था
कभी मां पर गुस्सा करता कि क्यों आई वह यहां
तो कभी वैभव पर गुस्सा करता कि क्या रखा है दादी में।
लेकिन मैंने ही इन्हें दादी के प्रति प्यार सिखाया
वह नादान तो जानता भी नहीं था अपनी दादी को
सिर्फ अपनी मां और पिता उसे अपना लगते थे।
एक दिन गुस्सा में उसे स्वार्थी भी कहे थे
देखो लाख बताने के बावजूद दादी को नहीं जानता।
देखो लाख बताने के बावजूद दादी को नहीं जानता।
वाइफ बोली कि चेहरा देखने के बाद पहचानेगा दादी को
बच्चा अक्ल नहीं जानता लेकिन चेहरा पहचानता है
फिर हमें अपनी बचपन की यादें ताजा हो गई
एक दिन चाची मां की साडी पहनकर बाहर गई
मैं रो रोकर लोगों को परेशान कर दिया
मुझे लगा कि मेरी मां जा रही है
मैं चुप तभी हो पाया जब खुद मेरी मां आई।
वह बोली कि कुछ लाकर देगी तभी पहचानेगा दादी को
अपनी गोद में बैठाकर टहलाएगी तभी जानेगा दादी को
रात में सोते वक्त कहानी सुनाएगी तभी चाहेगा दादी को
बच्चे तो बच्चे हैं, वे उन्हें ही जानते हैं, जो उन्हें कुछ देता है
प्यार से उसे पुचकारता है और टॉफी व मीठाई देता है।
बगल वाले मामा को भी मैं इसलिए चाहता था कि
वह बिस्कुट लाते थे और हमें चॉकलेट देते थे
मां कहती थी कि यह स्वार्थी हो गया है
मामा के सामने मां को भी नहीं पहचानता है
फिर मामा बोलते कि यह बाप पर गया है
यह सुनकर पापा खुश हो जाते तो
मेरी दादी रूष्ठ होकर बोलती कि
नहीं बाबु सहाब यह नाना पर गया है
इस बीच मैं चॉकलेट चट कर जाता
फिर मां के गोद में बैठ जाता
मामा के बुलाने पर भी नहीं आता।
मां के आने से कुछ दिन पहले ही तो दादी के बारे में बताया
था
उसे दादी से प्रेम करने के लिए सिखाया था
बडी मेहनत लगी थी उसे दादी के लिए प्रेम बढाने में
अब जब दादी के प्रति प्रेम का अंकुरन हो ही रहा था
कि दादी उससे अलग होकर गांव चली गई
वह अब भी बिलख बिलखकर रो रहा है
सभी से यही प्रश्न
कर रहा है कि
दादी कहां गई मेरे सोने के बाद
आ भी जाओ दादी मेरे बुलाने के बाद।
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