बुधवार, 16 नवंबर 2011

इंटरनेट पापा

  इंटरनेट के आविर्भाव ने सम्पूर्ण विश्व में एक नई क्रान्ति उत्पन्न कर दी है। आज हम अपने घर में बैठकर ही अनेकों आवश्यक कार्यों को इंटरनेट की सहायता से निबटा सकते हैं। इंटरनेट ने “वसुधैव कुटुंबकम्” की धारणा को सत्य में परिणित कर दिखाया है। आप किसी भी समय किसी भी देश के किसी भी व्यक्ति से सम्पर्क कर सकते हैं। ईमेल अथवा एसएमएस के द्वारा कहीं पर भी तत्काल संदेश भेजा जा सकता है। यह बात हमारे सहयोगी मनोज जी को काफी अच्‍छी लगी और उन्‍होंने घर पर इंटरनेट ले ल‍िया। उस समय उनके बच्‍चे काफी खुश हुए क‍ि अब फेसबुक और मेल से दोस्‍तों से खूब बातें करूंगा, लेकि‍न उन्‍हें क्‍या पता था क‍ि पापा अब पापा नहीं रह जाएंगे, वे इंटरनेट पापा बन जाएंगे। अभी तक यही होता था क‍ि उनके बच्‍च्‍ो स्‍कूल में अच्‍छे मार्क्‍स ले आते थे, और मार्क्‍स देखकर वे काफी खुश हो जाते थे क‍ि बच्‍चे की पढाई अच्‍छी चल रही है। इंटरनेट आने से उनका ज्ञान दायरा बढा और वे इंटरनेट की तरह फास्‍ट सोचने लगे। वे पुराने खयालात के आदमी हैं। इस कारण इंटरनेट पर अश्‍लील फोटो देखना या फेसबुक पर चैटिंग करना अच्‍छा नहीं लगता था। वे सोचने लगे क‍ि आखिर कि‍स तरह इंटरनेट का सदुपयोग हो। उन्‍होंने सोचा क‍ि इंटरनेट के माध्‍यम से बच्‍चों की पढाई जांची जाए। इसमें फायदा यह है क‍ि सही उत्‍तर के ल‍िए उन्‍हें द‍िमाग भी नहीं खंपाना पडेगा और बच्‍चों की पढाई के बारे में भी सही जानकारी मि‍ल जाएगी। इसके पहले बच्‍चे उन्‍हें इंटरनेट के बारे में काफी कुछ बताया करते थे। बात के स‍िलसिले में ऑनलाइन टेस्‍ट की बात भी कह दी। बच्‍चे तो बच्‍चे होते हैं, बोलने के बाद उन्‍हें कुछ भी याद नहीं रहती है। आजकल के बच्‍चे इतने मॉडर्न हो गए हैं क‍ि उनके गर्लफ्रेंड की संख्‍या कि‍तनी है, वे भी याद नहीं रहते हैं। याद रहते हैं, तो  स‍िर्फ नई फ्रेंड, नए मोबाइल, बाइक या नई कार। आजकल वे इतने ओवर कॉनफि‍डेंस होने लगे हैं क‍ि अपने माता पि‍ता को हमेशा बेबकूफ बनाना चाहते हैं। पैरेंट़स समझते हुए भी प्‍यार के वशीभूत खुद को अज्ञानी समझना ही बेहतर समझते हैं।  बच्‍चे यह नहीं समझते क‍ि वे उनके बाप हैं। अगर वे मॉडर्न हो जाएं तो बच्‍चे बच्‍चे ही रह जाएंगे। आज तेंदुलकर और अमि‍ताभ से बढिया उदाहरण क्‍या हो सकता है। वे दोनों  क‍िसी भी आनेवाली पीढी से आगे चलते हैं। मनोज जी इंटरनेट लेने के बाद बच्‍चों को ऑनलाइन टेस्‍ट लेना शुरू कर दि‍ए। बच्‍चे कभी सोचे  भी नहीं थे क‍ि पापा इस तरह के टेस्‍ट ले सकते हैं। अब वे काफी परेशान हैं और इस इंटरनेट पापा से परेशान भी । उन्‍हें समझ में नहीं आ रहा है क‍ि वे क्‍या करें।       ‍       

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